Chakmak - Subscription (by Registered Post)
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Language: Hindi
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यूँ तो चकमक को बड़े भी चाव से पढ़ते हैं पर मुख्यतौर पर यह 8-14 साल के इर्द-गिर्द के पाठकों को ध्यान में रखकर बुनी जाती है। चकमक बच्चों को एक समझदार इंसान के रूप में जानती है। इसलिए चकमक में दुनिया के तमाम विषयों पर सामग्री पेश की जाती है। चकमक बच्चों को महज़ परियों, राजा-रानियों के लिजलिजी भाषा में लिखे किस्से-कहानियों तक सीमित रखने की सोच पर सवाल खड़े करती है। चकमक जिस गर्मजोशी से कल्पनाशील साहित्य का इस्तकबाल करती है वैसे ही वह यथार्थ से भी अपने पाठकों को परिचित कराती चलती है। चकमक मानक, जड़ भाषा की जगह लचीली और जीवन्त भाषा की सिफारिश करती है। बच्चों से समानता की भाषा में बात करती है। चकमक में साहित्य व विज्ञान आदि के अलावा कला पर विशेष तौर पर सामग्री पेश की जाती है। कला के नाम पर बच्चों को आम तौर पर बेहद सीमित अर्थों में चित्रकला को सराह पाने के मौके मिलते हैं। वे सकारात्मक पहल की आशा से बड़ों की तरफ देखते हुए अकसर तिकोने पहाड़ों के बीच से उगते सूरजों के इर्द-गिर्द जूझते रहते हैं। चकमक उन्हें जाने-माने कलाकारों के साथ कला की दुनिया के विस्तृत सफर पर ले जाती है। जहाँ उन्हें कला के अनुभव में शामिल होने का मौका मिलता है। चकमक में कथाएँ पाठक के लिए एक अनुभव बनकर आती हैं। इन कथाओं की जड़ जीवन के ठीक पड़ोस में होती है। इसलिए उन्हें पढ़ते-सुनते हुए अपने आसपास के जीवन की गंध आती रहती है।
Through community based learning
models,Eklavya Pitara is redefining education at the grassroots level.
Good magazine. Good variety of articles for kids to build vocabulary.
The only challenge is slow to nil communication from the publishers for clarifications
Best for children
EXCELLENT