New Arrivals
-
Abbu Khan ki Bakri (Gujarati)
Regular price ₹ 80.00Regular priceUnit price / per -
Aadhi Paltan Ek Hazar
Regular price ₹ 60.00Regular priceUnit price / per -
Din Bhar Kya Kiya?
Regular price ₹ 75.00Regular priceUnit price / per -
Chuhe ko Mili Pencil (Korku)
Regular price ₹ 14.00Regular priceUnit price / per
Featured products
-
3+, A catalog of books for the 3+ age group.
Regular price ₹ 50.00Regular priceUnit price / per -
A Clearer View
Regular price ₹ 200.00Regular priceUnit price / per -
A Dog's Day - कुत्ते का एक दिन
Regular price ₹ 60.00Regular priceUnit price / per -
A Germ Of An Idea: Microbes, Us And The Microbes Within Us
Regular price ₹ 95.00Regular priceUnit price / per -
A House To Let
Regular price ₹ 110.00Regular priceUnit price / per -
A set of 3 Reading Posters
Regular price ₹ 75.00Regular priceUnit price / per -
A Story of Political Ideas for Young Readers, Vol-1
Regular price ₹ 125.00Regular priceUnit price / per -
A Walk Under The Stars (Sliding Board Book)
Regular price ₹ 400.00Regular priceUnit price / per
Let customers speak for us
from 249 reviewsઅમારી શાળાનો ચોથા ધોરણનો એક વિદ્યાર્થી. એને રોજ એક પુસ્તક ઘરે લઇ જવું હોય.
આજે એને મેં પૂછ્યું કે કહે તો ખરો કે આ વાર્તામાં શું આવે છે? તો આખી વાર્તા બોલી ગયો! આજે તેણે સંભળાવી તે આ.
My son loves reading, and he read this book so many times.
It's a comprehensive work in the field of children literature which is useful for writers, illustrators, publishers, educators and teachers.
संदर्भ, स्रोत और चकमक ये तीनों पत्रिका को पढ़ने में मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत आनंद की अनुभूति प्राप्त हुईं और साथ ही साथ इनके माध्यम से मुझे बहुत से चीज़ों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई । जिनसे मैं पिछले कुछ समय से कट सा गया था ।
The amount of work that has gone is commendable! This is a landmark publication in the Indian children's literature space being produced entirely in India.
I wish the color was not purple but black as the night sky should be... but that is okay.
मुर्गी का अण्डा खो गया है और वह उसे ढूँढते हुए सभी जानवरों से पूछते-पूछते जा रही है। फॉरमैट को वही दोहराव वाले प्रश्नों का है - पर कहानी में शब्दों और चित्रों का बेजोड़ तालमेल है।
बड़े आकार की यह कहानी की किताब आपके पुस्तकालय या आँगनवाड़ी में बच्चों को कहानी सुनाने के खूब काम आएगी। कहानी भी ऐसी जो हर बच्चे के दिल को छू ले।
कहानी को support करती हुई Illustration से सजी यह किताब जंगल की सैर कराती है लेकिन अलग तरीके और इससे यह बात सामने आती है कि चीजों को देखने के कई तरीके हो सकते है और हर तरीका अपने-आप में मुकम्मल होता है।
Illustration बहुत ही कमाल का है.. बच्चों के कई सारे सवाल होते हैं जिसका जबाव ढूँढने के लिये वो क्या-क्या करते हैं । सवाल से जबाव तक की यात्रा में क्या क्या पड़ाव आते है इसकी दास्ताँ है यह किताब।
लाइब्रेरियन की कहानी है जिससे सभी जानवर किताब मांगते हैं घोड़ा हाथी मुर्गा बकरा सूअर मेंढक यह सभी जानवर बारी-बारी से लाइब्रेरी के अंदर जाते हैं लेकिन लाइब्रेरियन उनकी बातें नहीं समझ पाती और बदले में कहतीहै मुझे सुनाई नहीं दिया लेकिन आखिर में मुर्गा जाता है और चिल्लाता है किताब किताब लाइब्रेरियन सुनकर कहती है कौन है किताब किताब किताब.....
एक लड़के की कहानी हैं। अपनी प्रेमिका को एक उपहार देना चाहाता हैं। उसकी मदद करने के लिए गाय गाय ऊंट हाथी यह जानवर उसकी मदद करते हैं उसके प्रेमिका के घर पहुंचने के लिए रास्ते में बहुत सारी परेशानियां आती है पर वह लड़का अपनी प्रेमिका के बारे में सोच कर सारी मुश्किलें पर कर लेता है और अपनी प्रेमिका के पास चला जाता है और उसे एक तरबूजों के बीजों से बना माला बनाकर उसके गले में पहन कर शर्मा जाता है और लड़की भी शर्म के मारे गाल लाल कर लेती है।
किताब किताब किताब।
चिड़िया उड़ते हुए थक गई। उसे एक भैस दिखाई दिया चिड़िया ने बोला थक गई हूं। तुम्हारी पीढ़ पर बैठ जाऊँ। हाँ बैठ जाओ पर मेरे पीढ़ पर बिट मत करना पर चिड़िया ने बैठ ते ही कर दिया। भैस ने उसे अपने पूछ से नीचे फेंक और उसके ऊपर गोबर फेक दिया। इतने में बिल्ली मौसी आ गई। चिड़िया एक दम डर गई। और बोलने लगी मुझे से गोबर निकालो और धूप में सुखाओ फिर मुझे खाना। फिर क्या धूप में सूखते ही चिड़िया ने बिल्ली को। अलविदा मौसी कह कर फुर हो गई।
भालू ने खेली फुटबॉल पेड़ के नीचे पेड़ शेर के बच्चे को मारी लात सोच इससे गर्मी हासिल हो जाए। पर क्या लात मारने पर शेर का बच्चा जा लटका पेड़ पर भालू ने देखा और बोला ये तो शेर का बच्चा हैं। शेर के बच्चे ने बोला एक बार और ऐसे ही करते तो तीन चार बार फेका एक बार जोर से फेक कर भालू भाग। शेर खेत के मालिक से जा पकड़ाया
एक बार मैं पतंग उड़ा रही थी। अचानक मेरी पतंग ऊपर चढ़ गई। अब मैं क्या करूँ? तो आसमान में दो आदमी चढ़े थे। तो वो आ बैठे मेरी पतंग पर फिर क्या मैंने जोर का झटका मारा आ गए नीचे। आप क्या करते बताना जरूर।
बिट्टी और बिट्टू की बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों एक दूसरे के पड़ोसी थे। एक दिन दोनों ने।एक ने कागज की पतंग उड़ाई ओर दूसरे ने कागज की नाव मिलने के लिए। तो आओ आगे कहानी पढ़ते हैं। क्या उनका मिलना हुआ?
आजी ने कहा में हुबहू आई की तरह दिखती हूं। मेरी आंखे मेरे बाल और में बिलकुल मेरी आई हुं। क्योंकि में अपने आई की बेटी हुं।