Chal Mere Matke Tammak Too
Chal Mere Matke Tammak Too
3 reviews
Publisher: Eklavya
Author: Virendra Dubey | वीरेंद्र दुबे
Illustrator: Habib Ali | हबीब अली
ISBN: 978-93-9132-70-5
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 16
Published: 2022
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एक बुढ़िया जाना चाहती है अपनी बिटिया से मिलने। पर रास्ते में पड़ता है एक घना जंगल, जिसमें रहते हैं कई खतरनाक जानवर। अपनी बिटिया तक पहुँचने के लिए बुढ़िया अब क्या तरकीब भिड़ाएगी और इसमें उसका साथी कौन बनेगा?
K
Kumud Wadhwani बुड्ढी अम्मा का सफ़र अत्यंत रोचक है । बच्चों को यह कहानी पसंद आयेगी ।
M
Madhuri Kumari कल्पनाओं की दुनिया से उतर कर बाल मन पर चुहल पैदा करती सूझ-बुझ से भरी एक लोक-चित्रकथा।
S
Simran uikey यह कहानी एक बुढ़िया की है। बुढ़िया की एक बेटी है। जो जंगल के पार रहती हैं। एक दीन बुढ़िया अपनी बेटी से मिलने निकल पड़ी रस्ते में बहुत सारे जानवर मिले जो बहुत भूखे थे और बुढ़िया को खाना चाहते थे। लेकिन बुढ़िया ने उन सब को बुद्धू बना कर अपने बेटी के घर चल गई। जब बेटी के घर से वापस अपने घर आने का सोची तो बुढ़िया को याद आया की सब जानवर को बुद्धू बना कर आई है, यह डर है की अब घर कैसे लौटेगी।
यह बात बेटी को बताया बेटी को एक तरकीब आई और उसने एक बड़ा सा मटका मंगाया अपनी मां को मटके में बैठाया और मां ने बोला चल मेरे मटके टिम्मक टू