Jaagta Sapna
Jaagta Sapna
1 review
Author: Farideh Khalatbari
Translator: Nidhi Saxena
Illustrator: Ali Namvar
ISBN: 978-93-91132-20-0
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 56
Published: 2021
Regular price
₹ 100.00
Regular price
Sale price
₹ 100.00
Unit price
/
per
Share
कई बार सपने देखने के लिए नींद में होना ज़रूरी नहीं होता। जागते हुए भी हम कहीं खो जाते हैं। और जब होश आता है तब समझ आता है कि अरे! यह तो एक सपना था। एक जागता सपना था। ऐसी ही एक कहानी है 'जागता सपना'। एक छोटी बच्ची और उसकी दादी की यह कहानी है। दादी के हाथ में झुर्रियां हैं। उन झुर्रियों में एक सपना है। यह कहानी फारिदेह खल्अतबरी ने लिखी है और चित्रांकन अली नामवर ने किया है। इस कहानी के चित्र कहानी में यूँ घुलते-मिलते हैं जैसे जागते-जागते कोई सपना वास्तविकता में घुल जाता है।
K
Kumud Wadhwani बच्चों के प्रेरणा स्रोत उनके माँ बाप या दादी नानी होते हैं । कहानी में बच्ची का आत्मविश्वास उसकी दादी अपनी कहानी सुना कर बढ़ाती है ।