Jungle Mein Ek Raat
Jungle Mein Ek Raat
3 reviews
Publisher: Eklavya
Author: Sushil Shukl
Illustrator: Prashant Soni
ISBN: 978-93-94552-99-9
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 24
Published: Jan-2024
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रात मे जंगल बादल जाता है ।
उसकी आवाज़े बादल जाती है ।
दिन मे दिख जाएगा कि एक मेंढक कूड़ा है ।
मगर रात मे यही आवाज पसीना छुड़ा सकती है ।
इस किताब मे रात कि वही सरसराहट है ....
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Disha Wadhwani दिन में जो जंगल हरा भरा सुंदर लगता है पशु पक्षियों की आवाज़ों से भरा रहता है । वहीं जंगल रात में एक भयानक रूप ले लेता है जब अंधेरे में ना कुछ दिखाई दे बस अलग अलग भयंकर और अनजानी आवाज़ें सुनाई देती हैं। बहुत ही दिलचस्प किताब और बहुत ही सुंदर चित्रण ।
D
Disha Wadhwani दिन और रात का जंगल अलग होता है । जंगल में रात को एक आवाज़ भी भयानक सुनाई देती है । जंगल की रात की आवाज़ें भी अलग ही हैं । बहुत ही बढ़िया चित्रण है किताब का
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Simran uikey जंगल में एक रात थी यह कविता बहुत ही प्यारा है जब रात के समय जंगल में रहते हैं तब कितना डर लगता है वह डर इस कविता में साफ नजर आता है।