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Karke Dekha, Samajh Gaya
Karke Dekha, Samajh Gaya
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Author: Subhash Chandra Ganguly
Translator: Sushil Joshi
ISBN: 978-81-19771-84-4
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 70
Published: Oct-2024
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'करके देखा' - होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम (होविशिका) की शुरुआत से लेकर अब तक, इतने सालों में यह अनगिनत बार लिखा, पढ़ा, कहा और सुना जा चुका होगा। मगर करके क्यों देखा? करके देखने पर क्या दिखा? 1985 में, एकलव्य के 'करके सीखो विज्ञान' प्रशिक्षण के एक शिविर में इसी कौतूहल के साथ सुभाष गांगुली शामिल हुए। उन्होंने भी करके देखा और जो कुछ समझा, सीखा, जाना - इस कार्यक्रम की प्रक्रिया और विशेषताओं की सम्भावना, प्रासंगिकता, खूबियाँ, खामियाँ, औचित्य - वह इस किताब के लेखों में लिख डाला।
यह किताब होविशिका के 50 साल और एकलव्य के 40 साल पूरे होने के मौके पर ज्ञान-विज्ञान के अलग- अलग क्षेत्रों से जुड़ी किताबों की श्रृंखला में एक कड़ी के रूप में प्रकाशित की जा रही है।

