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Padhna Seekhne Aur Sikhane Ka Buniyaadi Tana-Bana

Padhna Seekhne Aur Sikhane Ka Buniyaadi Tana-Bana

पढ़ना सीखने और सिखाने का बुनियादी ताना-बाना
Publisher: Eklavya
Author: Editors:- Rajni Dwivedi, Hridaya Kant Diwan
ISBN: 978-81-19771-39-4
Binding: Paperback
Language: Hindi
Published: June-2024
Regular price ₹ 190.00
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पढ़ने का अर्थ क्या है? पढ़ना आखिर क्यों ज़रूरी है? कोई पढ़ना भला कैसे सीखता है और पढ़ना सिखाने के लिए क्या उपयुक्त तरीके और मॉडल हो सकते हैं? पढ़ने से जुड़े ऐसे कई पहलुओं पर अलग-अलग समय पर अलग-अलग पृष्ठभूमि के व्यक्तियों द्वारा लिखे गए 18 लेखों का यह संकलन आज बेहद प्रासंगिक है। ये लेख पढ़ने में अर्थ की ज़रूरत व मादरी ज़बान की अहमियत से लेकर पठन सामग्री के चयन के आधार और पढ़ने में 'गलतियों के औचित्य जैसे मसलों पर बारीकी से बात करते हैं।

एक लोकतांत्रिक देश में समालोचनात्मक दृष्टि विकसित करने के लिए पढ़ना सीखना बेशक ज़रूरी है, और उतना ही ज़रूरी है यह सीखना कि पढ़ना कैसे सिखाया जाए। इसी ज़रूरत को ध्यान में रखकर यह संकलन तैयार किया गया है। उम्मीद है यह बुनियादी ताना-बाना पढ़ना सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं को और अधिक सरल, सहज व अर्थपूर्ण बनाने में उपयोगी साबित होगा।


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