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Saanp Ne Socha

Saanp Ne Socha

साँप ने सोचा
Publisher: Eklavya
Author: Ashok Hussain
Illustrator: Bindiya Purbiya, Soumya Menan
ISBN: 978-93-81300-92-3
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 20
Published: 0000-00-00
Regular price ₹ 55.00
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अगर सड़क पर चलते-चलते अचानक तुम्हे एक साँप मिल जाए तो क्या करोगे? जवाब मुश्किल नहीं। पर इस मुलाकात के बारे में साँप ने क्या सोचा होगा, कभी सोचा है तुमने? इस कहानी में पढ़ो एक साँप के मन की बात...

REVIEWS :-

बाल पुस्तके : महत्व ,चुनाव और उपयोग (कमलेश चन्द्र जोशी ) - for reading in PDF format click here .

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Customer Reviews

Based on 2 reviews
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K
Kumud Wadhwani
Book review

साँप भी सैर पर निकलता है और अपनी प्रवति के हिसाब से लड़की को काटने की सोचता है । साँप भी सोचता है यही मज़ेदार है । बच्चों को किताब पढ़ कर मज़ा आएगा ।

S
Simran uikey
साँप डर गया

साँप निकला घूमने रास्ते में लड़की आई सोचा उसे काट लू। इधर उधर देखा तो लोगो की भीड़ कैसे काटूंगा। भाग जाता हुं नही तो खुद ही पीट जाऊंगा।