Sab Mazedari Hai!: Katha Neelgarh
Sab Mazedari Hai!: Katha Neelgarh
Publisher: Eklavya
Author: Anant Gangola / अनन्त गंगोला
ISBN: 978-93-91132-80-4
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 280
Published: 2021
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महानगर से जंगल में बसे गाँव आया एक युवक अरसे बाद देखता है धरती अम्बर को मिलते। पाता है टीकाकरण, राशन, पेंशन, स्कूल, सबको नदारद उस गाँव से। देखता है चौतरफा अन्याय और मानवीय गरिमा के अभाव को चुपचाप लोगों को सहते। "कैसे हैं?" के जवाब में इस सब के बावजूद, सुनता है - "सब मजेदारी है"।
सब छोड़, बच्चों को पढ़ाने आ जाता है नीलगढ़। खोलता है एक 'अ-स्कूल सा स्कूल, जहाँ गलतियों के लिए जगह और बच्चों का सम्मान होना भर तय है। बच्चे बताते हैं उसे जंगल, फसलों, ऋतुओं, और हाँ, गाँव के हर परिवार के बारे में। इन्हीं में से पढ़ाई के सूत्र निकलते जाते हैं बच्चों और हाँ गुरुजी के लिए भी! सोचता है - छोटे-छोटे कदम दूर तक ले जाते हैं....
इस किताब में जीवन के जंगल के बीच से राह बनाती कुछ पगडण्डियाँ हैं जिस पर हर युवा बल्कि हम सब चलना चाहेंगे
"कैसे हैं?" के जवाब में सारे परेशानियों के बावजूद, गाँव वाले कहते हैं- "सब मजेदारी है"।नीलगढ़ में जंगल के बीच जीवन राह बनातेऔर पढ़ाई के कुछ सूत्र निकलते हुए खोलता है एक 'अ-स्कूल सा स्कूल, जहाँ गलतियों के लिए जगह और बच्चों का सम्मान होना तय है। बच्चे बताते हैं उसे जंगल, फसलों, ऋतुओं, और हाँ, गाँव के हर परिवार के बारे में....