Shiksha Aur Naitik Mulyon ki Khoj
Shiksha Aur Naitik Mulyon ki Khoj
Publisher: Aakar Books
Author: Avijit Pathak
Translator: Tarun Kumar
ISBN: 978-93-50023-81-5
Binding: Paperback
Language: Hindi
Pages: 198
Published: 2015
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ऐसे समय में जब शिक्षा का व्यापक बाजारीकरण हो रहा है, यह पुस्तक एक नई उम्मीद जगाती है। इस संबंध में यह कई अहम सवाल उठाती है, चिंतनमूलक शिक्षा पद्धति की वकालत करती है और शिक्षा की संस्कृति के साथ गहरे नैतिक दार्शनिक मुद्दों को जोड़ती है। स्कूली शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा तक यह ज्ञान, पाठ्यपुस्तकों और पद्धतियों, शैक्षणिक हस्तक्षेपों और सृजनात्मक संभावनाओं के वर्गीकरण और प्रसार पर रोशनी डालती है। दार्शनिक चिंतन, संवाद और समाजशास्त्रीय मीमांसा के साथ इसमें शिक्षा की ऐसी संस्कृति की कल्पना की गई है जो आध्यात्मिक रूप से उदात्त/पारिस्थितकीय रूप से संवेदनशील/समतामूलक समाज का निर्माण करने में सक्षम हो। यह पुस्तक समाजशास्त्रियों, शिक्षाविदों, पाठकों और अध्यापन कार्य से जुड़े तमाम लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी है।
अविजीत पाठक सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम्स, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में प्रोफेसर हैं। उनके अनुसंधान के विषय आधुनिकता, संस्कृति, धर्म और शिक्षा का समाजशास्त्र हैं। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में नवीनतम पुस्तकें द क्योटिक ऑर्डरः एन अन्नोन टीचर्स पैडागॉजिक ट्रैवलॉग तथा आधुनिकता, भूमंडलीकरण और अस्मिता हैं।
तरुण कुमार (अनुवादक): शिक्षा अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर तक। वर्तमान में भारत सरकार में वरिष्ठ अनुवादक के पद पर कार्यरत। उनकी अन्य अनुदित प्रकाशित पुस्तकें भारतीय मुगल, हिंदू अस्मिताः एक पुनर्चितन, इक्कीसवीं सदी के लिए समाजवाद, आदि।